Thursday, January 27, 2011

सपना तुम्हारा...... जो सच हो जाएगा....



















स्पर्श तुम्हारा...जब उसे...छूकर निकल जाएगा,
फ़ीका नीला आसमां वो .......सतरंगी हो जाएगा 
तुम्हारी परछाईं की ओट में आकर 
धूमिल सा तारा वो...और दमक जाएगा!

काबिलियत तुम्हारी जब तुम्हें....कामयाबी दे जायेगी 
भीगी भीगी पलकों में.....ज़िन्दगी मुस्कुरायेगी!
तुम्हारी नज़रों की छाँव तले आकर
तिनका तिनका ये धरती.... और संवर जायेगी!

खुश होकर जब तुम....गीत कोई गुनगुनाओगी 
फिजाओं को भी संग अपने...... थिरकता हुआ पाओगी
तुम्हारी साँसों के तार जो यूँ  छिङ जायेंगे
ये गुल ये गुलशन...... और महक जायेंगे !


सपना तुम्हारा...... जो सच हो जाएगा
खुदा को भी खुद पर..... फक्र हो जाएगा 
तुम्हे यूँ हँसता- मुस्कुराता देख 
ये वक़्त भी कुछ देर......यूँही ठहर जाएगा !

सुनो.....वो जो दुआओं की पोटली है....उसे संभाल कर रखना
तुम अपनी मेहनत और लगन को.... बना कर रखना
हर सपना तुम्हारे सपने की ही इबादत करता है
सुनो...तुम बस उम्मीद की लौ....जला कर रखना !


Saumya